यीशु मसीह मरने के बाद तीन दिन कहाँ गए थे ? Jesus in Hell?

क्या आप जानते है? कि यीशु मसीही  के मरने के बादउसके साथ क्या हुआ था ?

उसकी  आत्मा कहां गई थी ?

क्या आपको पता है,? 

उसके मरने और उसके पुनरुत्थान के बीच के, उन तीन दिनों में क्या हुआ था ?


कुछ लोग कहते है कि यीशु सीधा परमेश्वर पिता के पास गया था , 
वही कुछ लोग कहते है कि वह इस दौरान नरक में गया था


कुछ लोग तो यहाँ तक भी कहते है कि वह ओर भी  ज्यादा पीड़ा सहने के लिय नरक में गया था . ताकि उन लोगो का उद्धार हो सके जो मर चुके थे 
 
आज हम इसी सवाल के जवाब को जानेगे और देखेंगे की बाइबिल हमें  इस बारे में क्या बताती है कि यीशु मसीही मरने के बाद कहा गया था ?  नरक में , या स्वर्ग में ?  
वास्तविकता में उन तीन दिनों में क्या हुआ था ?

अगर आप  WTL : Way Truth Life  पर पहली बार आये है, तो मै पंकज कुमार आपका दिल से स्वागत करता हूँ 


सबसे पहले 
देखिये, यीशु मसीह ने वो तीन दिन नरक में और ज्याद यातना सहने के लिय नहीं बिताये थे

आपको याद है,  यीशु मसीह ने उस डाकू  से क्या कहा था जो उसके साथ सूली पर लटका हुआ था
लुका 23 : 39 – 43

39 जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उनमें से एक ने उसकी निन्दा करके कहा, “क्या तू मसीह नहीं? तो फिर अपने आप को और हमें बचा!
40 इस पर दूसरे ने उसे डाँटकर कहा, “क्या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्ड पा रहा है,
41 और हम तो न्यायानुसार दण्ड पा रहे हैं, क्योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इसने कोई अनुचित काम नहीं किया।
42 तब उसने कहा, “हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।
43 उसने उससे कहामैं तुझ से सच कहता हूँ कि आजही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
 
आज ही तू मेरी साथ स्वर्गलोक में होगा , ये बताता है कि वे सीधे पिता परमेश्वर  के पास स्वर्ग में गए थे
यीशु ने ये नहीं कहा कि - तीन दिन के बाद वे स्वर्ग में होंगे
उसने कहा आज ही
 
जो लोग कहते है की नहीं यीशु पहले नरक गया था हमारे पापो के लिय और ज्यादा यातन सहने के लिये 
असल में जो ऐसा कहते है वो ये कह रहे है कि  यीशु मसीह ने जो हमारे लिए क्रूस पर किया था वो काफी नहीं था , -  ये बस एक झूठ है !!

देखिये यीशु ने क्या कहा था युहन्ना 19 : 30

जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहापूरा हुआ” ; और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए। 

“यह पूरा हुआ “ ये ही थे यीशु के शब्द,  ग्रीक भाषा में “तेतेलेस्तई” मतलब की “पूरा हुआ “
यीशु को और तीन दिन के लिए नरक में हमारे लिय यातना सहने जाने की जरुरत नहीं थी – नहीं! 
 ये पूरा हो चूका था क्रुस पर ही ....
 यीशु ने अपना उद्देश्य यहीं पृथ्वी पर ही पूरा कर दिया था वह अंतिम मेमने की तरह वध किया गया था
 वह हमारे पापो के लिय वध किया गया था और इसीलिए हम अपने आप को परमेश्वर की संतान कह सकते है क्युकी हम उसके लहू के बलिदान के द्वारा बचाए गए है
 
1 युहन्ना 1 :7-8
 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं और उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 
 यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं और हम में सत्य नहीं।
 
रोमियो 5; 9
 तो जब कि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे?
 
बाइबिल स्पस्टरूप से हमें बताती है की हमारा न्याय चुकाया गया है यीशु मसीह के लहू के दुवारा , जो हमारे पापो के लिय बहाया गया हमारी इसी दुनिया में ,
 
अब कुछ लोग ऐसे भी  है जो कहते है OK - उसने 3 दिन नरक में यातना सहने के लिय नहीं बिताये
 पर पिता परमेश्वर के पास जाने से पहले  वो नरक तो गए ही थे – क्या ये सच नहीं है?

 
बहुत सारे लोग इस बात को लेकर कनफूजन में है कि  यीशु ने उन तीन दिनों में क्या किया और वह कहा था?
 
क्योकि वे इस बारे में अंतर नहीं समझ पाते है की "नरक" क्या है? , "कब्र" क्या है? और "Hades " यानि के "अधलोक " क्या है?
 
Apostles Creed - प्ररितो के पंथ का विश्वास वचन कहता है 
 
मै विश्वास करता हूँ परमेश्वर पिता पर जो आकाश और पृथ्वी का सृस्तिकर्ता है,
मै विश्वास करता हूँ प्रभु यीशु मसीह पर जो पवित्र आत्मा की सामर्थ से गर्भ में आया ,
मनुष्य का देह धारण किया और कुवांरी मरियम के दुवारा जन्म लिया ,
उसने पिन्तुस पिलातुस के शासनकाल में दुःख उठाया
वह क्रुस पर चढ़ाया गया , मारा गया , गाड़ा गया ,
वह नरक की गहरियो में उतरा और तीसरे दिन मृतको में से जी उठा

 
“ वह नरक में उतरा “
मै खुद भी इस वचन को कहा करता था जब में कलीसिया में बढ रहा था, जब हम इकट्ठे हुआ करते थे  और साथ में खड़े हो कर इस प्रेरितों के विश्वास वचन को दोहराया करते थे,
लेकिन ये बात हमेसा मुझे परेशान  किया करती थी और मेरे मन में एक अशन्ति सी होती रहती थी क्योकि ये सच नहीं है –
यीशु नरक में उतरा ऐसा कही भी बाइबिल में लिखा हुआ नहीं है
ये सिर्फ Apostles Creed यानिकी ( प्रेरितों के विश्वास वचन) में ही लिखा गया है लिकिन जब आप बाइबिल को ध्यान से पढेंगे तो पाएंगे की यीशु मसीही नरक में यातना के लिय नहीं गया वो नरक में नहीं उतरा था
 
चलिये मै आपके साथ कुछ facts शेयर करता हूँ इस Apostles Creed के बारे में,
1.       यह Apostles Creed कही पर भी किसी चर्च कौंसिल में लिखा या प्रमाणित नहीं किया गया है
2.       ये यीशु मसीह के 200  से 700 साल के बाद वजूद में आया था 
3.       ये वाक्य “यीशु नरक में उतरा” किसी भी शुरुवाती विश्वास वचन में शामिल नहीं था
 
अब ये जानना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है कि सबसे पहले इस वाक्य को विश्वास वचन में शामिल कब किया गया था ?
Ruffiness वो व्यक्ति था जिसके दुवारा ये वाक्य सबसे पहले इस्तेमाल किया था,
सिर्फ Ruffiness ही एक मात्र वह  व्यक्ति था जिसने इस वाक्य को कि “यीशु नरक में उतरा “ Apostles creed में आज से 650 साल पहले जोड़ा था

लेकिन उसने इस को ये कहकर जोड़ा था की यीशु मसीही कब्र में गया , उसके कहने का मतलब ये बिलकुल भी नहीं था कि वो नरक में गया
उसने ये नहीं कहा की वो Hell में गया , उसने कहा था की Hades में गया जिसका मतलब है की कब्र में गया , ये Hades था जिसका मतलब Grave  है ना की Gehena जिसका मतलब Hell होता है|
 
और इसको ध्यान से देखिये,
लूका 23:46
और यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहाहे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” और यह कहकर प्राण छोड़ दिए।
 
और ऐसा कहने के बाद उसने अपने आखरी साँस लिए , तो यीशु ये जानते थे कि वो सीधे पिता परमेश्वर के पास जा रहे है ,
किसी नरक में नहीं
और वो जानते थे कि वो पिता के पास कोई 1 दिन, या 2 दिन, या 3 दिन बाद नहीं जाने वाले – नहीं ! 
वो सीधे पिता परमेश्वर के पास जाने वाले थे और इसीलिए उसने कहा था
 
                  मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आजही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।
 
अब यहाँ पर एक ऐसा वचन है जो हमे थोडा कंफ्यूज कर सकता है  
1 पतरस 3 : 18 , 19
 
18 इसलिए कि मसीह ने भी, अर्थात् अधर्मियों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुँचाए; वह शरीर के भाव से तो मारा गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।
19 उसी में उसने जाकर कैदी आत्माओं को भी प्रचार किया।

 
तो आत्मा में होकर यीशु ने जाकर कैदी आत्माओं को भी प्रचार किया। कोन सी आत्मा ?”
 

चलिए हम 1 पतरस 3 को आगे पढ़ते है

20 जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धरकर ठहरा रहा, और वह जहाज बना रहा था, जिसमें बैठकर कुछ लोग अर्थात् आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए।
 
किन लोगो के बारे में यहाँ पर बात की जा रही है ? ये नुह के समय के वो लोग है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते थे और जो नुह की बाढ में मर गए थे , उन लोगो की आत्मा कैद में थी|  हम जानते है की उस समय के लोगो की आत्मा शैतान के भरमाये थी 
=>हमने अपनी "जल प्रलय से पहले की दुनिया" में जाना था कि  कैसे उस समय धरती पर नपिली दानव राज किया करते थे कैसे शैतान ने मनुष्य की स्त्रियों से सम्बन्ध बनाकर एक भ्रष्ट जाति उत्पन की थी,  आप दिए गए लिंक पर जाकर वो विडियो देख सकते है|
 


तो उस समय के लोगो की आत्मा उस दुष्ट की कैद में थी , तो अब से हजारो साल पहेल पतरस उन्हें समझाता है कि उस समय के लोगो को यीशु हजारो साल पहले कैसे उपदेश दे सकते थे जब यीशु उन दिनों में जीवित शरीर में थे ही नहीं !
 
यीशु ने उस समय और पुराने नियम में भी हर एक को प्रचार किये थे नबियो के दुवार उस पवित्र आत्मा के माध्यम से जो उन नबियो के अंदर थी
चलिए इसको इसके contaxt में पढ़ते है-   1 पतरस 1 : 10-11
 
10 इसी उद्धार के विषय में उन भविष्यद्वक्ताओं ने बहुत ढूँढ़-ढाँढ़ और जाँच-पड़ताल की, जिन्होंने उस अनुग्रह के विषय में जो तुम पर होने को था, भविष्यद्वाणी की थी।
11 उन्होंने इस बात की खोज की कि मसीह का आत्मा जो उनमें था, और पहले ही से मसीह के दुःखों की और उनके बाद होनेवाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर संकेत करता था।
 
तो ये बिलकुल स्पस्ट है की यीशु ने उन लोगो को जो जल प्रलय से पहले के लोग थे जिनकी आत्मा दुष्ट की कैदी थी उनको नुह के दुवारा प्रचार किये थे और इसी प्रकार पुराने नियम के लोगो को भी नबियो के दुवारा यीशु की आत्मा ने उपदेश दिए थे
 
तो 1 पतरस 3: 19 का यह मतलब बिलकुल भी नहीं है कि यीशु मसीह नरक में उतरा और उन लोगो की आत्माओ को जाकर प्रचार किया और उनके पापो के लिय वहां पर भी यातना सही ताकि उन लोगो को दूसरा मोक़ा मिल सके
 
क्योकि मरने के बाद किसी के लिय भी दूसरा मोक़ा नहीं है आप इस बात को जानते है

इब्रानियों 9 : 27 
और जैसे मनुष्यों के लिये एक बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त है। 
 
अगर आप पतरस की पत्रियो का कॉन्टेक्स्ट पढेंगे तो आप जान पाएंगे की पतरस उस समय के लोगो को मोटीवेट कर रहा था ताकि वे लोग मसीह में मजबूत बन सके जैसे की नुह उस समय मजबूत बना रहा था जिस समय उसके चारो तरफ के लोग भ्रष्ट और परमेश्वर के अनाज्ञकारी हो चुके थे|
तब नुह और उसका परिवार सिर्फ 8 लोग यीशु मसीह में सचे और आज्ञाकरी बने रहे
 
अब एक बाइबिल वचन और है, जो इस बारे में कंफ्यूज कर सकता है!
 1 पतरस 4;6
क्योंकि मरे हुओं को भी सुसमाचार इसलिए सुनाया गया, कि शरीर में तो मनुष्यों के अनुसार उनका न्याय हुआ, पर आत्मा में वे परमेश्वर के अनुसार जीवित रहें।
 
क्या सच में इसका मतलब ये है कि मरे हुए लोगो को सुसमाचार सुनाया गया ? 
ताकि उनको भी दूसरा मोक़ा मिल सके?

नहीं!
हमने भी  इसको एक्सप्लेन किया था उनको कोई दूसरा मोक़ा नहीं मिला , किसी को भी मरने के बाद दूसरा मोक़ा नहीं मिल सकता|
 
इसका मतलब ये है कि उन लोगो ने प्रचार सुना था   
उन लोगो को जो आज मरे हुए है उन्हें उस समय प्रचार किया गया था यीशु मसीह की आत्मा के दुवारा जो उन नबियो के अंदर मोजूद थी जिन्होंने पुराने समय में मन फिराव का प्रचार किया था, 
याद कीजिये उनको उस समय प्रचार किया गया था जब वो जीवित थे|
 
आपको लाजर और उस धनी व्यक्ति  की कहानी याद है  ?
लुका 16 : 19 – 31
 
19 एक धनवान मनुष्य था जो बैंगनी कपड़े और मलमल पहनता और प्रति-दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
20 "और लाज़र नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उसकी डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था।"
21 "और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन् कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे।"
22 "और ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतों ने उसे लेकर अब्राहम की गोद में पहुँचाया। और वह धनवान भी मरा; और गाड़ा गया,"
23 "और अधोलोक में उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा।"
24 "और उसने पुकारकर कहा, ‘हे पिता अब्राहम, मुझ पर दया करके लाज़र को भेज दे, ताकि वह अपनी उँगली का सिरा पानी में भिगोकर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ।’"
25 "परन्तु अब्राहम ने कहा, ‘हे पुत्र स्मरण कर, कि तू अपने जीवनकाल में अच्छी वस्तुएँ पा चुका है, और वैसे ही लाज़र बुरी वस्तुएँ परन्तु अब वह यहाँ शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है।"
26 "‘और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक बड़ी खाई ठहराई गई है कि जो यहाँ से उस पार तुम्हारे पास जाना चाहें, वे न जा सके, और न कोई वहाँ से इस पार हमारे पास आ सके।’"
27 "उसने कहा, ‘तो हे पिता, मैं तुझ से विनती करता हूँ, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज,"
28 "क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं; वह उनके सामने इन बातों की चेतावनी दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएँ।’"
29 "अब्राहम ने उससे कहा, ‘उनके पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उनकी सुनें।’"
30 "उसने कहा, ‘नहीं, हे पिता अब्राहम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उनके पास जाए, तो वे मन फिराएँगे।’"
31 "उसने उससे कहा, ‘जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तो भी उसकी नहीं मानेंगे
 
तो मरने के बाद कोई भी दूसरा मोक़ा नहीं है , न आपके लिय , न ही मेरे लिय और किसी के भी लिय नहीं !

इसीलिए इस समय  को इस्तेमाल करे 

जो आपके पास अभी है आज ही अपने लिय एक चुनाव करे और अपने प्रिय भाई बहनों को, अपने परिवार वालो को जो अभी जीवित है उनको  सुसमाचार बाटना शुरू करे| इससे पहले की बहुत देर हो जाये, 
उस धनी व्यक्ति की तरह न बने जो की मरने के बाद अपने भाइयो की चिंता करता है और नहीं चाहता की वो लोग भी वहां पर जाये जहाँ वो आज है|
 
तो इस कहानी में हम स्पष्ट रूप से देख पा रहे है की मरने के बाद कोई भी दूसरा मोक़ा नहीं है
 
देखिये यहाँ पर कुछ और ऐसा है जोकी बहुत रोचक है और वो है 
 THE CHASM - “एक गहरी खाई “
 
वह धनि व्यक्ति अब्राहम और लाज़र को दूर से उस खाई के परे से देख रहा था, वो देख सकता था कि  पैराडाइस में क्या चल रहा है?
 इसका मतलब ये है कि Hades में यानि की कब्र में कुछ ऐसी आत्माए है जो यीशु मसीही को देख रही थी, जब वह मरा था और जब वह पिता परमेश्वर से मिलने पंहुचा था|
"कल्पना कीजिये कैसे स्वर्गदूत जशन बना रहे होंगे जब यीशु स्वर्ग पंहुचा"
 
तो अब हम उस मृतको की जगह को आसानी से समझ सकते है, ग्रीक शब्द Hades नए नियम में इस्तेमाल किया गया है जोकि इस्ब्रानी भाषा Sheol के समान है, जिसको पुराने नियम में बताया गया है  जिनका सिंपल सा मतलब है कब्र मृतक लोगो की जगह  
अब यहाँ पर जो समझने वाली बात है वो ये है की बहुत से लोग इसे Hell या नरक कहते है
ये नरक नहीं है!
ये बस एक अस्थाई यातना देने की जगह है जहाँ लोग अंतिम "न्याय के दिन" का इंतज़ार कर रहे है|
उसके बाद उनको "गंधक की झील" में फेक दिया जायेगा हमेशा,हमेशा के लिए और वो एक स्थाई जहग होगी , वो होगा असल नरक या Hell
 
प्रकाशित वाकय 20 : 11
 
11 फिर मैंने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उसको जो उस पर बैठा हुआ है, देखा, जिसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उनके लिये जगह न मिली। §
12 फिर मैंने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के सामने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गईं, अर्थात् जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उनके कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया। §
13 और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया।
14 और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है।
15 और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। 

 
तो जो  नरक और अध्लोक यानिकी  hell और hades के बिच में कनफूजन है 
ये  बहुत सी बाइबिल के वचनों की गलत ट्रांसलेशन के कारण आया है, कई जगह अधलोक Hades या Sheol के स्थान पर नरक या Hell ट्रांसलेट कर दिया गया है
 
for ex- KING JAMES  version में, भजन सहिंता 16: 10 वचन लिखा है
क्योंकि तू मेरे प्राण को "नरक" में न छोड़ेगा,
न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा।

 
ये एक गलत ट्रांसलेशन है जो की the KING JAMES version में की गई है
जबकि NEW JAMES version में इसको सही किया गया है और ESV में इसको सही किया गया है  सही ट्रांसलेशन है Sheol यानि की अध्लोक या कब्र
 
क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा,
न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा।
 

 
 उम्मीद है अब आपको इस सवाल का जवाब मिल गया होगा कि यीशु मसीह मरने के बाद नरक में या अध्लोक में नहीं गया था और यातना सहने के लिय या मरे हुओ का न्याय करने के लिय ,

यीशु सीधा पिता परमेश्वर के पास स्वर्गलोक गया था आमीन
 
=लेकिन एक सवाल है जो आपको परेशान कर सकता है और वो यह कि यीशु मसीह ने क्रुस पर ऐसा क्यों कहा था?

तीसरे पहर के निकट यीशु ने बड़े शब्द से पुकारकर कहाएली, एली, लमा शबक्तनी?” (अर्थात् हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”)
 
अब यीशु खुद ही परमेश्वर है तो उसने ऐसा क्यों कहा था?

 मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?”

मै जनता हूँ  कि वह पिता परमेश्वर से बात कर रहा था पर फिर भी उसने ऐसा कहा ही क्यों कि  तूने मुझे क्यों छोड़ दिया?   -   जानेगे हमारे अगले लेख में ,




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3 Comments

  1. bahut acha samjhaya apne

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  2. for more you can subscribe our Youtube channel WTL : way truth life

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